ये ना सोचा था कभी
कि तुम बदल जाओगे कभी
दुनिया डराएगी तुम्हे
और तुम डर जाओगे कभी
छोड़ दोगे मुझे
औरो के डराने से ही..
दूर चले जाओगे..
मुझसे रूठ कर यू ही...!!
तुम वही हो ना, जिसने
सीने से लगाया था मुझे,
तुम वही हो ना, जिसने
मेरे अश्क देख
अपने सिने मे भी
दर्द पाया था कभी..!!
आज तुम दूर हो गये इतने..
कि दूर जाने का भी...
तुमको मलाल नही..!.
ये ना सोचा था कभी
कि तुम बदल जाओगे कभी..!!
प्यार क बदले प्यार दोगे..
दगा ना दोगे कभी.
यू ही खुद को बहलाया किया..,
कि चाहोगे बे-इंतेहा यू ही..!.
सोचा था ही नही...
कि उम्मीदे टूटेंगी कभी..
और दूर चले जाओगे ..
एक दिन यू ही....!.
सामने आया आज वो सब ..
जो ना सोचा था कभी..
ये ना सोचा था कभी
कि तुम बदल जाओगे कभी..!!
Thursday, September 24, 2009
Monday, September 21, 2009
तोहफा ..
आज तोहफे मे देखो वो क्या क्या साथ लाए है॥
जुदाई, तन्हाई और थोड़े से आसू साथ लाए है..
आज तोहफे मे देखो वो क्या क्या साथ लाए है॥
बैचेनी, गम और थोड़े से दर्द लाए है..!!.
जी भरता नही जब उनका रुला लेने से मुझे...
शब्दो के वार और थोड़ी सी मेरे अरमानो की खाक लाए है..
आज तोहफे मे देखो वो क्या क्या साथ लाए हे...
निशब्द..मूक खड़ी अभी मैं संभल भी नही पाती॥
वो देखो ज़ख्मी दिल के लिए बेवफ़ाई की सौगात लाए है..
धुआ धुआ कर के दिल अभी सुलगा ही होता है॥
मेरी मोहबत..वो मेरा प्यार, देखो कितना दर्द लाए है..
आज तोहफे मे देखो वो क्या क्या साथ लाए है॥
थोड़े से गम, थोड़ा सा दर्द...थोड़े से आसू साथ लाए है.
जुदाई, तन्हाई और थोड़े से आसू साथ लाए है..
आज तोहफे मे देखो वो क्या क्या साथ लाए है॥
बैचेनी, गम और थोड़े से दर्द लाए है..!!.
जी भरता नही जब उनका रुला लेने से मुझे...
शब्दो के वार और थोड़ी सी मेरे अरमानो की खाक लाए है..
आज तोहफे मे देखो वो क्या क्या साथ लाए हे...
निशब्द..मूक खड़ी अभी मैं संभल भी नही पाती॥
वो देखो ज़ख्मी दिल के लिए बेवफ़ाई की सौगात लाए है..
धुआ धुआ कर के दिल अभी सुलगा ही होता है॥
मेरी मोहबत..वो मेरा प्यार, देखो कितना दर्द लाए है..
आज तोहफे मे देखो वो क्या क्या साथ लाए है॥
थोड़े से गम, थोड़ा सा दर्द...थोड़े से आसू साथ लाए है.
Wednesday, September 16, 2009
दोस्ती की अंतिम सांसे..
दोस्ती की अंतिम सांसे..
अंतिम सांसे ले रही थी
उनकी दोस्ती..
फिर भी एक आस...
एक उम्मीद
कि , लौट आयेंगे
फिर से वो दिन..
कि, फिर... शायद फिर..
इतना वक़्त दे पाएंगे..
फिर से नए रिश्तो को..
मज़बूत बनायेंगे..
फिर से लम्बी बाते होंगी..
वो गमो को भेद..
जिंदगी को जी लेने वाली
वो मुस्कुराह्ते होंगी..
फिर से धड़कने
एक-दूजे को छुएंगी ..
एक-दुसरे को सुनेंगी..
फिर सी डर की
सरहद पार कर जायेंगे..
और इस बार
इस पवित्र रिश्ते को..
पाकीज़गी दे पाएंगे..!!
आह..
कैसे मोहपाश है, ये,,
उमीदो के दामन
छूटते नहीं है...
ये भ्रम जाल
टूटते नहीं है..!!
अंतिम सांसे ले रही थी
उनकी दोस्ती..
फिर भी एक आस...
एक उम्मीद.....!!
अंतिम सांसे ले रही थी
उनकी दोस्ती..
फिर भी एक आस...
एक उम्मीद
कि , लौट आयेंगे
फिर से वो दिन..
कि, फिर... शायद फिर..
इतना वक़्त दे पाएंगे..
फिर से नए रिश्तो को..
मज़बूत बनायेंगे..
फिर से लम्बी बाते होंगी..
वो गमो को भेद..
जिंदगी को जी लेने वाली
वो मुस्कुराह्ते होंगी..
फिर से धड़कने
एक-दूजे को छुएंगी ..
एक-दुसरे को सुनेंगी..
फिर सी डर की
सरहद पार कर जायेंगे..
और इस बार
इस पवित्र रिश्ते को..
पाकीज़गी दे पाएंगे..!!
आह..
कैसे मोहपाश है, ये,,
उमीदो के दामन
छूटते नहीं है...
ये भ्रम जाल
टूटते नहीं है..!!
अंतिम सांसे ले रही थी
उनकी दोस्ती..
फिर भी एक आस...
एक उम्मीद.....!!
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