Friday, January 16, 2009

कहो तो लौट जाते है..

कहो तो लौट जाते है..

आधी राह चल लिए तो क्या..

आधी जिंदगी खो जाए तो क्या..

आधी जिंदगी जी भी तो लिए है..

कहो तो लौट जाते है..

अभी तो अश्क पलकों में कैद है..

अभी जज़्बात दिल के आगोश में है..

अभी सैलाब नही आए..

अभी जुबान ने ज़हर नही उगले..

अभी तो हर बात अपने हाथ में है..

कहो तो लौट जाते है..

अभी तो शुरूआती दर्द-ऐ-गम है..

अभी खंज़र चुभे नही दिल में..

अभी बिलबिलाया नही चाक दिल हो कर..

अभी वफ़ा की उमीदे है दिल में..

बेवफाई के अभी चर्चे आम नही है..

कहो तो लौट जाते है..

अभी तो नए नए मरना सीखे है..

प्यार में ठंडी आहे भरना सीखे है..

दिल अभी जुदाई में तड़पना सीखा है..

आँखों ने अभी तो शब् में जलना सीखा है..

मेरे बारे न कुछ सोचो..

घर नज़दीक है...मंजिल दूर है बाकी..

कहो तो लौट जाते है..

मुझे तो तुम्हारे साथ

जीने मरने की हसरत है..

कांटो से मुझे उलझने की आदत है..

दिल को तार-तार कर

लहू-लुहान हो जीना भी मुझे आता है..

ये रास्ता प्यार का रास्ता..

ये आंधी-खार का रास्ता..

बहुत दुश्वार है जाना..


इस रास्ते का हर जर्रा भी

इक खार है जाना..

कहो तो लौट जाते है..

तुम्हारा साथ पा लू तो ये

दो जहा मिल जाए..

तुम्हारी नजदीकियों से

मुश्किल राहे काफूर हो जाए..

तुम्हारे गेसुओ की छाव से

सूरज की तपिश भी दूर हो जाए..

जिस्मो के नर्म उजालो से..

मेर जिंदगी पुर-नूर हो जाए..

छुडा लो गर हाथ अपना तो

मेरी औकात ही क्या है..

पर तुम अपनी बात बतलाओ..

मेरे बारे न कुछ सोचो..

कहो तो चलते रहते है..

कहो तो लौट जाते है.....!!


4 comments:

विजय तिवारी " किसलय " said...

बहुत खूबसूरत ज़ज्बात परोए हैं आपने अपनी रचना में, तान्या जी.

पंक्तियाँ जो दिल को छु गयीं >>>
अभी तो अश्क पलकों में कैद है..
अभी जज़्बात दिल के आगोश में है..
अभी सैलाब नही आए..
अभी जुबान ने ज़हर नही उगले..
अभी तो हर बात अपने हाथ में है
कहो तो लौट जाते है..
- विजय

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

taanya ,

कहो तो लौट जाते है..

आधी राह चल लिए तो क्या..

आधी जिंदगी खो जाए तो क्या..

आधी जिंदगी जी भी तो लिए है..

कहो तो लौट जाते है..

kitni santushti hai ki aadhi zindagi jee to li kam se kam...
अभी सैलाब नही आए..

अभी जुबान ने ज़हर नही उगले..

अभी तो हर बात अपने हाथ में है..

kya sach hi baat aapke haath men rah gayi hai???? yadi hai to bahut achchha hai.

अभी तो शुरूआती दर्द-ऐ-गम है..

अभी खंज़र चुभे नही दिल में..

अभी बिलबिलाया नही चाक दिल हो कर..

अभी वफ़ा की उमीदे है दिल में..

बेवफाई के अभी चर्चे आम नही है..

कहो तो लौट जाते है..

wah kya baat kahi hai..charche aam nahi hue.........gud

दिल अभी जुदाई में तड़पना सीखा है..

आँखों ने अभी तो शब् में जलना सीखा है..

मेरे बारे न कुछ सोचो..

घर नज़दीक है...मंजिल दूर है बाकी..

कहो तो लौट जाते है..

manzil tak pahunchane ki chaah par phir bhi laut jaate hain......
मुझे तो तुम्हारे साथ

जीने मरने की हसरत है..

कांटो से मुझे उलझने की आदत है..

दिल को तार-तार कर

लहू-लुहान हो जीना भी मुझे आता है..

ये रास्ता प्यार का रास्ता..

ये आंधी-खार का रास्ता..

बहुत दुश्वार है जाना..



इस रास्ते का हर जर्रा भी

इक खार है जाना..

कहो तो लौट जाते है..

gazab ........ bahut khoob . dil ki gahraayi tak pahunche aapke ye shabd.

छुडा लो गर हाथ अपना तो

मेरी औकात ही क्या है..

पर तुम अपनी बात बतलाओ..

मेरे बारे न कुछ सोचो..

कहो तो चलते रहते है..

ek ek sabd men samarpan ki bhaawna hote hue bhi ek tadap hai . bahut khoobsurat bhavpurn rachna likhi hai. jaise ki dil ke jazbaaton ko shabdon men piro diya hai.
shubhkaamnaon ke saath.

योगेन्द्र मौदगिल said...

अच्छी कविता है भई आप को बधाई..

पूनम श्रीवास्तव said...

Tanya ji,
Bahut khoobsoorat kavita .sundar abhivyakti.badhai.
Poonam