Friday, December 5, 2008

aawaaz kyu nahi aati...

दिल टूटता है तो आवाज क्यों नही आती..
आँख रोती है तो बरसात क्यों नही आती..
जाते है ज़लज़ले...जिंदगी के चमन में..
डूब जाती है जिंदगिया..मगर.....,
महबूब के दिल तक आवाज़ भी नही जाती..

रहमो करम पे ही क्यों जिन्दा है मोहोब्बत दुसरो के..
तड़फ तड़फ कर भी उजालो की शुरुआत नही आती.
महबूब ही करे जब कोई चोट तो..
दिल को मर कर भी मौत क्यों नही आती..

जिंदगी है की उजडती जाती है पत्ता-पत्ता तमाम उमर
जख्म--लहू रिसने पर भी धड़कने मौत नही लाती...
गमो की काली रातो से कब्रिस्तान-ऐ-जिंदगी बन ही जाती है..
रोती है कायनात भी मुझ पर..मगर साँस ही नही जाती..
मांगती हू मौत, मगर मौत भी तो नही आती...

दिल टूटता है तो आवाज क्यों नही आती..
आँख रोती है तो बरसात क्यों नही आती..

मुह फेर लिया उसने, मोहोब्बत जताने को बाद..
दिल तोड़ दिया उसने, दिल में बसाने के बाद..
'छोड़ दिया तुम्हे' ये सुन भी साँस क्यों नही जाती..
बैठी हू किस उम्मीद पर..ये जान क्यों नही जाती..

लहूलुहान सी जिंदगी में अब बाकि क्या बचा है..??
ख़तम हो गया सब कुछ तो अब मैं मर क्यों नही जाती..

दिल टूटता है तो आवाज क्यों नही आती..

1 comment:

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

दिल टूटता है तो आवाज क्यों नही आती..
आँख रोती है तो बरसात क्यों नही आती..

gar dil tutane ki aawaaz aati hoti to is duniya men kewal dil tutane ka hi shor sunaayi deta.
aur aankh ke rone se barsaat aati to har jagah baadh aa jati aur ab tak to sab doob gaye hote.......

मुह फेर लिया उसने, मोहोब्बत जताने को बाद..
दिल तोड़ दिया उसने, दिल में बसाने के बाद..
'छोड़ दिया तुम्हे' ये सुन भी साँस क्यों नही जाती..
बैठी हू किस उम्मीद पर..ये जान क्यों नही जाती..

ye bahut naainsaafi hai........
jisako muhabbat ka ( m ) bhi nahi pata usake liye aap kyon halkaan hui ja rahi hain???????? waise aap dard ko bahut khoob bayan kar leti hain......God bless u