Tuesday, November 11, 2008

उजड़ी मुहोब्बत..

'99galleries.com'


रोता है फलक..
रोती कायनात है..
अफ़सोस मगर ये साँसे..

छोड़ती न मेरा साथ है..

कितना ज़लील करेगी॥

तू ओह जिंदगी..

बस कर..अब बस भी कर

जुल्म ढाना ..

हम बदनसीबो पर..


आज इस मुकाम पर

ये सब भी देखना बाकी था..???

क्यों न धरती फटी..

और क्यों न दम तोडा

इन बे-हया सी सांसो ने..


क्या बिगाडा था हमने

इस जहा का..

दो प्यार भरे दिलो को

जो ऐ मुकद्दर

तूने यू उजाड़ दिया..


ठोकरे, जलालत और

रुसवाईया ही देना काम है

ऐ जिंदगी क्या तेरा??

क्या गुजरी उस शख्स पर..

जिसने ये सब सहा??

क्या कभी तूने ओ खुदा

पलट के भी जाना किया..??


प्यार शब्द दे दिया

इस दुनिया में ..

बस महसूस करने के लिए..

जब भी इसके अर्थो को

जीना चाहा....

तब..तब

जिंदगी नरक कर दी ओ खुदा

तूने अपने बाशिंदों की..


चाह कर भी मैं

आज उसे सुकून दे न सकी..

मरहम उसके घावो पर

मैं लगा न सकी..

वो तड़पता रहा

तमाम शब्

अंगारों पर सोता रहा..!!

मैं उसकी इस वेदना पर..

सीने से भी उसे

लगा न सकी..!!


उसकी आँख रोती थी तो..

मैं दामन बन जाती थी..

उसे दर्द होता था तो..

मैं दवा बन जाती थी..


आज देखो...

देखो आज उसे..

वो लम्हा लम्हा मर रहा है..

एक एक पल उसका सिसक रहा है..

और मैं हू कि यहाँ..

दूर, बहुत दूर

सिर्फ़ और सिर्फ़

तमाशाई बनी

देखती हू...!!


आह ...


चरम सीमा है

आज इस व्याकुलता की..

मज़बूरी की,

विवशता की...


उफ़ ..

नही चाहिए

ये बे-रहम जिंदगी..

नही चाहिए..

ये तेरी दुनिया..

नही चाहिए..

ये मोहोब्बत..


हो सके तो ओ खुदा

आज बस एक इनायत कर दे..

मेरे हमराज़ को

वो..सुकून दे दे..

वो पहला सा

गरूर दे दे..

वो पहली सी..

जीने की ताकत दे दे..!

4 comments:

makrand said...

bahut sunder rachan

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

rota hai falak to saari kaaynaat roti hai.har shakhas ko apani ldaayi khud hi ladani hoti hai.

bahut gahraayi se likha hai....zindagi yun hi chalti hai aur chalti jaayegi ,maut ko jab aanaa hai tab aayegi.....aapki rachna se aapke pyaar ki gahraayi ka ahsaas hota hai...aapki tadap mahsoos hoti hai.. bahut achchha likha hai...God bless u.

Unknown said...

Great writes tannu. Loved reading them... Haven't read all but I sure will.
There is quite a depth of feelings shown. Keep writing. God bless you dear

taanya said...

MAKRAND JI..

BAHUT BAHUT DHANYEWAAD RACHNA KO PASAND KARNE K LIYE..

SANGEETA JI..

MERI RACHNA KI ITNI GEHRAYI SAMAJHNA MUJHE BAHUT ACCHHA LAGA..AUR BAAT RAHI TADAP KI TO JB TAK DIL TADPEGA NAHI RACHA KAR HI NAHI PAYEGA...Apki is baat se ek gaane ki ek line yaad aa gayi..

YE MERE BOL YE MERE DIL K AFSAANE HAI..
somthing kuch isi type ka tha..hope u got it..

thanks a lot meri rachna ko saraahne aur iski tadap n gehrayi mehsoos karne k liye..thanks again...aage b intzaar rahega..ok bye..take care..gbu (god bless u)..!!

MADHOO JI..

Yes madhoo ji...thanks tum yaha mere blog per aayi mujhe bahut khushi hui..and i m waiting when you will read my all posts. ya u r right here is not a quite depth even depth is depth only..ha.ha.ha....

ok thanks dear ab umeed karti hu ki tum aati rahogi...he na...???

ok bye..take care..