Tuesday, September 16, 2008

हम लिखवा क लाये है..

तड़पना अपनी किस्मत मे
हम लिखवा क लाये है..
प्यार मे ठोकरे खाना..
हम लिखवा क लाये है..
सवर किस्मत नही सकती
कबी..इस उजडे चमन की..
क्युकी हर रोज़ एक मौत मरना..
हम लिखवा क लाये है..

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