Monday, September 22, 2008

तू अपने आप मे इतना दम रख ले..!!

दोस्तों ये आशार मैंने अपनी एक दोस्त को जवाब के रूप मे लिखे थे जो की मायूसियों के दौर से गुज़र रही थी....सोचा आप सब क लिए पेश करू..और अपनी एक दोस्त की रेकुएस्ट भी पूरी कर दू ...उम्मीद है आप को अच्छे लगेंगे ....


आंधियो का भी मुख मोड़ देता है..
नदियों के भी रास्ते बदल देता है..
खुदा को भी जो झुका देता है..
ऐ दोस्त..वो सिर्फ़ इंसान होता है..!!

खुदा भी आकर तुझ से तेरी रज़ा पूछे..
तू अपने आप मे इतना दम रख ले..
खुशिया आकर तेरे कदम चूमे..
तू गम-ऐ-जिंदगी को बदस्तर कर दे.!!

देख अपनों के मासूम चेहरों को..
जीने की नई राह कर ले..
दम भर अपने आप मे इतना..कि
मायुसिया झुक जाए तेरे कदमो तले॥

रौनके बनी रहे..जिंदगी मे..
आज गम पर हसी की जीत कर दे..
जो दूर रह कर भी तेरी तवज्जो करता है..
उसी को अपनी जिंदगी कर दे.!!

खुदा भी आकर तुझ से तेरी रज़ा पूछे..
तू अपने आप मे इतना दम रख ले..!!

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