Wednesday, September 24, 2008

जिंदगी और बता गम कितने तू मुझे देगी.....??

जिंदगी और बता गम कितने तू मुझे देगी..
मे हँसता जाऊंगा..क्या हँसी मेरी तू छीन लेगी..

जिंदगी और बता गम कितने तू मुझे देगी.....??

मस्त चाले तू देख मेरी ना गश खाना..
ढेरो ठोकरे दे...मगर तू ना थक जाना..
सागर के हिलोरो से ऐ जिंदगी तू न बच पाएगी..
गम चाहे दे तू कितने भी...लौट के तो जायेगी...!!

जिंदगी और बता गम कितने तू मुझे देगी.....??

हंस-हंस क इस्तेकबाल करूँगा मै तेरा ...
ज़िस्त भी चाहे छूटे...उफ़ ना लब पे मेरे होगी..
काँटों की चादर मे सुला दे चाहे इस तनहा रूह को..
हंस के बलाए लूँगा...रुसवा न रुख से हँसी मेरे होगी...

जिंदगी और बता गम कितने तू मुझे देगी.....??

कोई जान भी ना पायेगा गम की दुनिया मेरी..
पलती हे जो भीतर ही...छुप के दिल के कोनो में...
रोएगी ने मेरी आँख..तू देखना जानिब-ऐ-जिंदगी मेरी...
लौट जायेगी तू एक दिन तो टकरा -टकरा के रूह से मेरी...


जिंदगी और बता गम कितने तू मुझे देगी.....??
मै हसता जाऊंगा....क्या हसी भी मेरी तू छीन लेगी...!!

No comments: