Saturday, September 20, 2008

चीर दे मेरे लिए भी कोई कफ़न..!!

झूठी तसल्लियो से दिल नही भरता अब तो..
नसीबो मे खुशिया है ही नही..
गमो की काली स्याह राते हटती भी नही..
और जिंदगी ख़ुद से मिटाई जाती भी नही..!!

ऐ खुदा एक एहसान कर दो मुझ पर..
जान ले लो मेरी या इस दिल को पथ्हर कर दो..
जिया जाता नही इस दर्द-ऐ-दिल क साथ
लाश ख़ुद के कंधो पर उठती भी नही..!!

तोड़ दो सारे बंधन, मुक्त कर दो मुझे..
बदनसीबी,बे-वफाई,जुदाई और दर्द..
बस क्या यही थे मेरी जिंदगी के हमसफ़र
चीर दो मेरे लिए भी कोई कफ़न..!!

झूटी तसल्लियो से दिल नही भरता अब तो..

रूह फरफराती है बंद पिंजरे के पंछी की माफिक
क्यों ये पिंज़र दिया खुदा तुमने...
नही था गर कोई खुशी का एक भी पल देने को तो..
क्यों ये जिंदगी बनायी तुमने..!!

बस क्या यही थे मेरी जिंदगी के हमसफ़र
चीर दे मेरे लिए भी कोई कफ़न..!!

झूठी तसल्लियों से दिल नही भरता अब तो..

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